Friday, November 2, 2018

जज़्बात

तुम शायद पत्र का
इंतज़ार करती हो !

मैं कुछ भी
लिख नहीं पाऊंगा

मेरे जज़्बात भेज रहा हूँ
उसे अपने आँसूंओं में

भीगोकर महसूस करना !
*
पंकज त्रिवेदी

4 comments:

  1. बहुत ही सुन्दर और भावपूर्ण रचना 🙏

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  2. सुंदर भावपूर्ण रचना आदरणीय पंकज जी

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  3. जी सर,कृपया ब्लॉग फॉलोवर बटन भी लगाइये।

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    1. श्वेता जी, सीख रहा हूँ... जल्दी लगा दूंगा

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