तुम शायद पत्र का
इंतज़ार करती हो !
मैं कुछ भी
लिख नहीं पाऊंगा
मेरे जज़्बात भेज रहा हूँ
उसे अपने आँसूंओं में
भीगोकर महसूस करना !
*
पंकज त्रिवेदी
इंतज़ार करती हो !
मैं कुछ भी
लिख नहीं पाऊंगा
मेरे जज़्बात भेज रहा हूँ
उसे अपने आँसूंओं में
भीगोकर महसूस करना !
*
पंकज त्रिवेदी
बहुत ही सुन्दर और भावपूर्ण रचना 🙏
ReplyDeleteसुंदर भावपूर्ण रचना आदरणीय पंकज जी
ReplyDeleteजी सर,कृपया ब्लॉग फॉलोवर बटन भी लगाइये।
ReplyDeleteश्वेता जी, सीख रहा हूँ... जल्दी लगा दूंगा
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