Friday, May 24, 2019

सोल्यूशन

















जब भी कुछ 
टूट जाता है 
जुगाड़ लगाता  
इंसान !

कुछ टूटने से 
आवाज़ आती है 
कुछ में नहीं 
बिलकुल नहीं ! 

बस टूटना उनकी 
नियति होती है 
तो टूट जाता है 
किसी के भी द्वारा ! 

टूटने से हर चीज 
जोड़ी नहीं जाती 
जोड़ने में विनम्रता 
क्षमा भी ! 

मगर रह जाती है 
वो दरार जिसके लिए 
आजतक नहीं बना 
सोल्यूशन ! 
*
पंकज त्रिवेदी 
24 मई 2019

Wednesday, May 22, 2019

यह रिश्ता





















यह रिश्ता है 
बार बार कैसे कहूं 
समझाऊं भी कैसे 

यह रिश्ता है 
मेरी आँखों में और
मैं देखूं तेरी आँखों में

यह रिश्ता है
कहने - समझाने से नहीं
जोड़ने से नहीं जुड़ता

यह रिश्ता है
आँख झपकते ही जुड़ जाएं
पलकों से आँसूं गिरे !


*
पंकज त्रिवेदी 

गज़लाष्टमी - सॉलिड महेता (गुजराती ग़ज़ल संग्रह)

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