भाव-यवनिका : पंकज त्रिवेदी
वीतरागी मन के फुर्सत के कुछ लम्हे इस ब्लॉग पर...
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Friday, November 2, 2018
वृक्ष
वृक्ष
चुपचाप खड़ा है
कुछ बोलता नहीं
वृक्ष
साधना करता है
स्थिर शरीर-मन से
वृक्ष
मेरे, आपके अंदर है
इसलिए हम हरियाले
वृक्ष
पतझड़ में सूखा - अडिग
प्यारभरी बारिश में जीवंत
वृक्ष
मनुष्य के लिए जीवन
परिवार का बुज़ुर्ग !
*
पंकज त्रिवेदी
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