भाव-यवनिका : पंकज त्रिवेदी
वीतरागी मन के फुर्सत के कुछ लम्हे इस ब्लॉग पर...
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Friday, November 2, 2018
गुब्बारा
किसी ने पूछा
क्या खरीदकर लाई हो?
उसने कहा
किराने की दूकान से लौटी हूँ
खाली हाथ !
एक गुब्बारा वाला ज़ोरशोर से
सीटी बजाते आकर्षित करता था
मैंने गुब्बारा खरीद लिया है
बेटी के लिए !
*
|| पंकज त्रिवेदी ||
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