सुप्रभात
तुम्हारे कहकहे से ही खुशहाल रहेंगे हम
आओ मिलकर रहें सदा एकदूजे के हम
आओ मिलकर रहें सदा एकदूजे के हम
ज़िंदगी के पहलू है दो फूल और कांटे भी
लगें भले ही किसी एक को दर्द बाँटेंगे हम
- पंकज त्रिवेदी
लगें भले ही किसी एक को दर्द बाँटेंगे हम
- पंकज त्रिवेदी
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