जब भी कुछ
टूट जाता है
जुगाड़ लगाता
इंसान !
कुछ टूटने से
आवाज़ आती है
कुछ में नहीं
बिलकुल नहीं !
बस टूटना उनकी
नियति होती है
तो टूट जाता है
किसी के भी द्वारा !
टूटने से हर चीज
जोड़ी नहीं जाती
जोड़ने में विनम्रता
क्षमा भी !
मगर रह जाती है
वो दरार जिसके लिए
आजतक नहीं बना
सोल्यूशन !
*
पंकज त्रिवेदी
24 मई 2019
सुंदर प्रस्तुति
ReplyDeleteबहुत खूब
ReplyDeleteजी पंकज जी ये दरार रिश्ते के धागे में गांठ की मानिंद है !!!!!!सादर
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