Thursday, December 13, 2018

सितारों में देखूँ











तुम्हारा मौन
गहन गुहा से
मुखरित हो

और मैं
उस मौन को
गहनता का
अँधेरा ओढ़ाकर

तुम्हें बस
सितारों में देखूँ
झिलमिल !
*
|| पंकज त्रिवेदी ||

2 comments:

  1. वाहहह बहुत सुंदर सर👌

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  2. श्वेता सिन्हा जी, आपका बहुत बहुत धन्यवाद

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