Saturday, June 22, 2019

गोरख आया





















जागो जागो गोरख आया 
गहन गुहा से गोरख आया 

अलख जगाने चलता रहता 
चलमधारी वो गोरख माया

बिन मौसम में बरसता रहता
ख़लक खुदा की फिरता रहता

गज़ब अलौकिक रूप दिखाता
झोली में सुख छल-छल भरता

सोऽहं ओऽहं का ज्ञाता दिसता
साँसों के संग सूफ़ियाना गाता

शास्त्रों का मुखपाठ वो करता
भव्य दिव्यता दर्शन समझाता
*

पंकज त्रिवेदी 

No comments:

Post a Comment

गज़लाष्टमी - सॉलिड महेता (गुजराती ग़ज़ल संग्रह)

https://www.amazon.in/GAZALASHTAMI-SOLID-MEHTA/dp/8194038685/ref=sr_1_8?keywords=vishwagatha&qid=1579500905&sr=8-8 ...