Monday, April 29, 2019

ख्व़ाब बुनते रहें...


1 comment:

  1. ''कहीं हक ना जटाओं ना अपेक्षा रखो '' ब बहुत बड़ा प्रेरक वाक्य है आदरणीय पंकज जी | सच है अधिकार से रिश्ते कमजोर हो जाते हैं उन्हें उन्मुक्त प्रांगण चाहिए विचरने के लिए | ख्वाबों पर सुंदर निबन्ध के लिए आभार |

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