Monday, April 29, 2019

आँखें

बंद है मेरी आँखें
तेरे ही दीदार के लिए
ए खुदा !
तू है कि खुली आँखों में 
समाता जो नहीं !
*
पंकज त्रिवेदी

1 comment:

  1. बहुत ही सुंदर पंक्तियाँ आदरणीय पंकज जी | सादर -

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