Monday, December 3, 2018

खामोशी

मेरी खामोशी
नदी की लहरों सी
बह रही है आज...

तुम भी कमाल हो !
दबे पाँव से भी
भनक सुन लेती हो !
*
- पंकज त्रिवेदी

1 comment:

  1. भावनाओं भरा सुंदर शब्द चित्र !!!!!!! सादर --

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